आसान है खुद को खोकर, खुद को तुझ में
खोजना |
मुश्किल तो, तुझे इस बात का अहसास करवाने
में है ||1||
आसान है चुप होकर, तेरी हँसी
में हँसते जाना |
मुश्किल
तो, तुझे ये सच बता पाने में है ||2||
आसान है नींद छोड़कर, तेरे ख्वाब में
जागते रहना |
मुश्किल तो, उस ख्वाब को हकीकत में बदले
जाने में है ||3||
आसान है सब भूलकर, बस तुझसे बात करते
जाना |
मुश्किल
तो, तेरी चुप्पी को सहन कर पाने में है ||4||
आसान है आखों की बजाय, कलम से अश्रु बहाते
रहना |
मुश्किल तो, उस बहती अश्रु धारा तो
तुम्हें दिखा पाने में है ||5||
आसान है वर्षों तक, तुझसे नेह बंधन की
गाँठ बांधे रखना |
मुश्किल
तो, तेरे मन की तहकीकात कर सच जानने में है ||6||
1 टिप्पणियाँ
बहुत खूब लिखा है!
जवाब देंहटाएंPrashasti Patel
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